Tejaram

में गावं नलु ,तहसील किशनगढ़ जिला अजमेर राजस्थान का रहने वाला हूँ I मेरा परिवार खेती ,पशु पालन से जुडा है I में अपने परिवार का पहला सदस्य हूँ जिसको स्कूल जाने का मोका मिला I 18 वर्ष में मेरी शादी हुई कमला के साथ जो उस समय 13 वर्ष की थी , 5वी कक्षा तक पढ़ी रात्रि स्कूल में I 23 वर्ष में गोना हुआ I मेने M.COM .तक पढाई की I मेरे तीन बच्चे है 2 लड़के और १ लड़की I बड़े बेटे ने मॉस कमुनिकेशन में M.A. किया और वो अब एक संस्था में काम कर रहा है I बेटी ने M.A. BED किया वो अभी अपने पति के साथ है जो स्कूल में व्यख्याता है I छोटा बीटा BSF में फ्लाइट इंजिनियर है I में अपने गावं से किशनगढ़ कालेज साईकिल से जाया करता थाजो की 18 किलोमीटर दूर था I शाम के समय अपने गावं के बच्चों को पढाता था जो स्कूल नहीं जाते थे I ये स्कूल swrc तिलोनिया द्वारा चलाया जाता था I येही बच्चे थे जिनकी प्रेरणा से मेने सामाजिक क्षेत्र में काम करना शरू किया I यानि ये बच्चे खास तोर से लडकिय पूर्ण रूप से शिक्षित मगर लिखना पढना नहीं आने से इनको गवार अनाड़ी कहते Iमेने एसे ही बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए जीवन भर काम किया ताकि अनपढ़ता का कलंक इनके जीवन से हटजाय I1983 से 1985 तक स्कूल में पढ़ने के बाद 1986 में swrc संस्था में पूर्ण कालीन काम करने लगा I 1997 तक swrc में अलग अलग काम किया ,शिक्षा समन्वयक रहा ,विकास समन्वयक रहा ,2000 में जर्मनी में विश्व एक्सपो में 70 दिन रहा I2005 में UN के आयोजना सेमिनार में बालसंसद के साथ भाग लिया I 1997 में मथन की शुरुवात की I जहा शिक्षा ,स्वाथ्य ,रोजगार ,पानी ,यूवा और ग्रमीण विकास , सरकारी योजना को जरुरत मंद लोगों तक पहुचना ,तकनीक आदि मद्दों को लेकर काम करते है Iराजस्थान के अजमेर ,जयपुर और नागोर जिले के लगभग 120 गावों में काम करते है I जमीन का पानी खारा है ज्यादातर लोग नमक बनाने का काम करते है Iबरसात अच्छी हो जाय तो एक फसल हो जाती है नहीं तो नमक,मार्बल और नरेगा में मजदूरी कर रोजी कमाते है I जिन समुदाय के साथ काम करते हैं उनमे दलित ,घुमन्तु समुदाय ,मजदुर ,महिला , यूवा ,किशोरी बालिकाएं ,कलाकार व् दस्तकार है Iकोविद 19 के बाद बहुत सारी चुनोतिया आ गई है I