संविधान निर्माण

संविधान निर्माण 

जहां एक और भारत का संविधान बनने में लगभग 3 साल लगे थे एवं 284 लोगों ने इस संविधान बनने की प्रक्रिया में भागीदारी निभाई थी। इस संविधान बनने की प्रक्रिया को शासकीय मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय के मिलिट्री साइंस विभाग के किरण एवं साक्षी ने सजीव रूप से समझने के लिए अपने संविधान का निर्माण किया। अपने इस संविधान में उन्होंने एक काल्पनिक संस्था का निर्माण किया तथा यह संस्था कैसी होगी? एवं यहां लोगों के लिए क्या नियम कायदे होंगे ? क्या अधिकार होंगे? इसके साथ साथ कर्तव्यों को भी विस्तृत रूप से इस संविधान में बताया गया है। 
किरण-साक्षी से जब पूछा गया कि संविधान निर्माण की प्रक्रिया में  उन्होंने क्या महसूस किया तो वे बताती हैं कि
 "हमने यह संविधान भारत के संविधान के तर्ज पर लिया है इसमें सर्वप्रथम हमने प्रस्तावना का निर्माण किया जोकि इस संविधान की मूल भावना को प्रदर्शित करता है । तथा इसमें निहित मूल्य के आधार पर ही हमारा पूरा संविधान है क्योंकि यह संस्था लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित है , अतः यहां पर विद्यार्थियों के कुछ अधिकार भी विस्तृत रूप से बताए गए हैं। हमारे द्वारा जिस संस्था की कल्पना की गई है वहां अधिकारों के साथ-साथ बच्चों के कुछ कर्तव्य भी होंगे जिनका निर्वाहन बच्चे करेंगे, उन्हें भी संविधान में जगह दी गई है अंत में भारत के राष्ट्रगीत को इस संस्था के राष्ट्रीय गीत के रूप में लिया गया।"
 यह गतिविधि किरण एवं साक्षी द्वारा आवाज संस्था के माध्यम से खेले जा रहे संविधान लाइव खेल के दौरान की गई।