भाईचारा दोस्ती और चुनोतिया (अग्रणी)

अब्दुल अलीम

कक्षा: 7

टास्क – 5 नए दोस्त बनानिये (धर्म जाति वर्ग क्षेत्र और लिंग की सीमा से बहार ) और उन्हें एक बैटक / परिचर्चा के लिए अपने घर पर आमंत्रित कीजिये परिचर्चा का विषय होगा आपके क्षेत्र में आप से भाईचारा की कोण सी चुनोतिया हैं और उन्हें हल करने के क्या तरीके है |

अनुभव:

इस कार्य को करने में मुझे बहुत मज़ा आया , वैसे में नए दोस्त नही बना पाए पर जो पहले के दोस्त थे ये चर्चा उन्ही के साथ की , मेहमानों के आने की वजह से घर पर चर्चा हो नही पा रही थी अतः ये चर्चा हमने खेल के मैदान पर की , जिसे बाद में मैदान में खेलने वाले कुछ और लोगों ने उस चर्चा में भाग लिया और वो 5 लोगों की बजाय 12 लोगों के साथ हो पाई।                                                                                                                            चर्चा से कई सारी हमारी ऐसी नकारत्मक भावनाओं एवं विचारों का अंत हुआ जिसे हम सब अब तक सही मानते आ रहे थे, इस चर्चा ने हमे एक दूसरे को अपनी धार्मिक व जातिगत पहचान से इतर दोस्त की तरह सोचने में एवं दिल से  एक दूसरे के पास आने में मदद की बाद में हमे पता चला की इसे ही सोहाद्र कहते हैं ।